Tuesday 30 September 2014

                                                   अगर ये होते तो क्या होता?
मान लीजिए केंद्र में यूपीए-3 लौट आता। अपने नाम के आगे डॉ. लगाने वाले मशहूर अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह की शानदार तीसरी पारी होती। वे अमेरिका गए होते। टीवी चैनल वाले ऐसे ही पागलों की तरह कैमरे लिए न्यूयॉर्क और वाशिंगटन में उनका पीछा कर रहे होते। मौन रहने वाले मनमोहन क्या कह रहे होते? उन्हें कौन सुन रहा होता? चैनलों की टीआरपी कितनी आती?

 अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते तो अमेरिका में उनका स्वागत कैसा हुआ होता? वे भारत के बारे में अपना कौन सा विजन पेश कर रहे होते? उनकी टीम में कौन होता? अगर तीसरे या चौथे मोर्चे की खिचड़ी पक गई होती और मुलायमसिंह यादव वहां गए होते तो उनके मुखारविंद से कौन से बोल फूट रहे होते? नामी कंपनियों के सीईओ टाइप बैठक में उनका एजेंडा क्या होता? दिल्ली की गद्दी पर बैठने का ख्वाब मायावती और जयललिता भी अपनी आंखों में काजल की तरह संजोए थीं। सोचिए, अमेरिका जाकर मोहतरमाएं क्या गजब ढा रही होतीं?
 थोड़ी देर के लिए यह ख्याल करने का भी खतरा मोल लीजिए कि दिग्विजय सिंह प्रधानमंत्री बनकर वहां गए होते तो अपनी पिछली उपलब्धियों के रूप में मध्यप्रदेश के दस सालों के राज की कौन सी चमकदार चीजें याद कर रहे होते? अगर भाजपा को एकमुश्त बहुमत न मिला होता और वह खजूर पर अटकी होती तो ऐसी हालत में अपने नाम का मंसूबा बांधे बैठे रहे राजनाथ सिंह की शपथ हो जाती तो मंजर क्या होता? या लालकृष्ण आडवाणी की लॉटरी लग गई होती तो अमेरिका की यात्रा में उनकी प्रस्तुति का अंदाज क्या होता?
 और कम समय में दिल्ली की सत्ता हासिल करने वाले अति महात्वाकांक्षी अरविंद केजरीवाल वाराणसी में मोदी को हराकर सौ-डेढ़ सौ सीटें ले आते और प्रधानमंत्री बनकर अमेरिका गए होते तो क्या कमाल कर रहे होते? मुमकिन है लोकपाल बिल के महत्व पर वे ओबामा को कुछ तरकीबें बता रहे होते!
 ऐसा हुआ नहीं। नरेंद्र मोदी ने सही ही कहा कि किसी भी भारतीय नेता को जनता का इतना प्यार नहीं मिला, जितना उन्हें मिला। वे भारत की जड़ व्यवस्था और मुश्किलों से भरे जनजीवन में क्या चमत्कार ला पाएंगे, यह देखना बाकी है मगर उनके इरादों पर शायद ही किसी को शक हो। उनके सितारे वाकई बुलंद हैं, इसमें भी अब ऊपर वणर््िात महानुभावों को कोई शक बाकी नहीं होगा। कोई शक नहीं कि मोदी ने राजनीति की रंगत जरूर बदल दी है।

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