एक साल हो गया। ब्लॉग वीरान ही पड़ा है। पिछले साल इन्हीं दिनों मैं भारत भर की यात्राओं से मुक्त हुआ था। 2010 से 2015 के बीच पूरे भारत की करीब आठ परिक्रमाएं पूरी करने के बाद एडिशन के कामकाज में नई भूमिका में जुटा था। समय पंख लगाकर उड़ गया। एक बरस बीत गया। जल्द ही मेरे यात्रा अनुभव एक किताब की शक्ल में आने वाले हैं। इसमें आप मेरे साथ सैर करेंगे हजारों साल पुरानी सभ्यता वाले विविधता से भरपूर भारत को उसके हर मौसम और हर मूड में, हर रंग और हर रूप में। यह एेसी किताब होगी, जिसे मैंने आराम से घर में बैठकर नहीं लिखा। इसका हर पन्ना देश के अलग-अलग शहरों के होटलों, रेलवे स्टेशनों के वेटिंग हॉल, एयरपोर्ट या ट्रेनों के लंबे सफर में लिखा गया। शुरुआत इजरायल के ओल्ड जेरूशलम में की, जहां मुझे लगा कि यात्राओं के एकदम ताजे विवरण यात्राओं के दौरान ही लिख दिए जाने चाहिए। यह काम पूरा हुए भी एक साल से ज्यादा हो गया। उम्मीद है किताब पसंद आएगी।
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